राष्ट्रीय सेविका समिति के
अखिल भारतीय सेवा प्रमुख
सु.श्री.संध्या टीपरे जी ने समूह को संबोधित करते हुए कहा कि,
• भारतीय संस्कृति के धरोहर, परंपरा और जीवनशैली का अभिन्न
भाग महिला और महिलाओं का योगदान है।
• हमारे राष्ट्र के निर्माण में मातृशक्तिका अमूल्य योगदान है।
• आज बाजार में खरीदी के लिए,महिला को प्रस्तुत किया जा रहा
है।
• हम आतिथ्य संस्कार तकरीबन भूल चूके हैं।
• हमारे मन पर हुए संस्कार हमारे संस्कृति की धरोहर है।
• हमारी विस्मृत संस्कार और परंपरा पर जो आघात और
अत्याचार हो रहे हैं उसे फिर से जागृत करना होगा।
• यह संस्कार जागृति का कार्य मातृशक्ति का कार्य है।
• घर को विभक्त और संयुक्त रखना महिला का कार्य है।
• यहां की परंपरा का मूल आधार महिला है।
• आतंकी आवश्यकता द्रष्टि कोण बदलने की आवश्यकता है।
इस विषय को अधिक जानकारी देते हूं,
राजकोट के डा.आरती ओजा जीने कहा कि,
• अब शोर ज्यादा हो रहा है,अब बात करने की जरूरत है।
• हम सब हमारे घघरके होम मिनिस्टर है।
• हमारे मानस को बदलने के लिए विश्व सुंदरी का खिताब के लिए,
हमारा खरबों रूपए का बाजार है।
• हमने हमारा मन उपभोक्तावादी बना लिया है।
• उपभोक्ता वादे बहुत आर्थिक नूकसान हो रहा है।
• हमारी बचत एक बार २३% थी, आज बहूत नीचे आ गई है।
• नई पीढ़ी में बचत का ख्याल लूप्त हो रहा है।
• आज मोल में जीवन खरीदी का सामान पीछे रहता है।
• हम अनावश्यक खरीदी करके आ जाते हैं।
• विज्ञापनों की यथार्थता की चर्चा होना जरूरी है।
• अधिक मूल्य पर चीजें बेची जा रही है,इसका कारण मार्केटिंग
कोस्ट है।
• आजकी युवा महिलाओं से इस विषय पर चर्चा होनी जरूरी है।
• यह निरंतर प्रक्रिया है, रोज़ाना होना चाहिए।
डॉ.नम्रता लूहार, एम.एस. विश्वविद्यालय के विधि प्राध्यापक ओर हमारे प्रांत सह संगठन मंत्री ने भी उपभोक्ता जागरण कार्यक्रम की जानकारी शेयर की।
सु.श्री.प्रियंका जोषी भट्ट,महिला संयोजिका,अखिल भारतीय ग्राहक पंचायतने कार्यक्रम का संचालन किया।
-जयंत कथीरिया,
राष्ट्रीय सह सचिव,
८ मार्च,२०२१